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deepak sharma
मेरा प्यार परियों की कहानी जैसा
जो मानो तो सब कुछ था
और न मानो तो कुछ भी नही था

मेरा प्यार परियों के महल जैसा
जिस में सब था पर कुछ भी नही

मेरा प्यार एक परी की तरह खूबसूरत था
जिसे देखा ही नही महसूस भी किया था
मेरे प्यार में परियों सी नजाकत
जो मेरे लिये थी

मेरा प्यार परियों की कहानी था
अगर जीना चाहो तो उमर कम है

और मेरी मोहब्बत भी परी से थी शायद
जिसके बारे में सोचा तो जा सकता है
पर क्या कभी सुना है , कोई परी किसी को मिली है

पर एक उम्मीद बाकी है ,वो परी फ़िर आयेगी
फ़िर मेरी दुनिया महक जायेगी
फ़िर लोग मुज से जलंगे
फ़िर हमरे बारे में लोग बातें करेंगे
मेरा घर सुना नही रहेगा
उसकी पायल की आवाज़ फ़िर मेरे घर में गूंजे गी
उसकी चूडियों की खंन खंन फ़िर मेरे कानों में गूंजे गी
एक उम्मीद है फ़िर एक होने की

पर उम्मीद है परिओं की कहानिया सच नही होती
काश मेरी हो
2 Responses
  1. manas mishra Says:

    सर ये लाइने भी दिल की झंकार है।

    ये मांग देख दिल मांग उठा।
    ये मांग अभी कंवारी है।
    ये मांग किसी को मत देना
    ये पहली मांग हमारी है।


  2. sharad awasthi Says:

    Sir ye aap hi hain na ????
    vaise irade nake ho to sapne bhee sakaar hote hain..


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