कुछ पन्ने अद्खुले रहने दो
कुछ राज़ दफ़न रहने दो
इनमे यादें हैं उनकी ,इनमे सांसे हैं मेरी
मेरी जिंदगी भर की कमाई है यह
कुछ और नही मांगता तुज से में ऐ मालिक
यह तो मेरे है इने मेरा बस मेरा रहने दो
कईं शामें हैं इस में मेरी
कुछ हसीं लहमे है उनके
कुछ बातें है कही unkahi सी
ik रिश्ता है इन panno में
जो हो के भी i था ही नही …..
कुछ राज़ दफ़न रहने दो
इनमे यादें हैं उनकी ,इनमे सांसे हैं मेरी
मेरी जिंदगी भर की कमाई है यह
कुछ और नही मांगता तुज से में ऐ मालिक
यह तो मेरे है इने मेरा बस मेरा रहने दो
कईं शामें हैं इस में मेरी
कुछ हसीं लहमे है उनके
कुछ बातें है कही unkahi सी
ik रिश्ता है इन panno में
जो हो के भी i था ही नही …..