deepak sharma


अब जाना होगा


समय का चक्र


कह रहा है


बार बार



शायद वहां किसी को ज़रूरत है मेरी


कोई याद कर रहा है मुझे


एक उम्मीद है उसे


मेरे से .......



उस उम्मीद को पुरा करने


उसकी खुशी की खातिर


मुझे जाना होगा


अब तक जिया था अपने लिए


अब उसके किए जीना होगा


मुझे जाना होगा



मुझे जाना होगा


एक हार रहे इंसान के लिए


मुझे जितना है उसे

उसे जितने के लिए

उसे खुशी देने के लिए

मुझे जाना होगा



उसकी ऊँगली पकड़ कर चलना सिखा था

आज उसे संभालने के लिए मुझे जन होगा

अपना फ़र्ज़ निभाना होगा

बहुत सपने है उसके अभी


उन्हें पुरा करवाना है मुझे


इस संकल्प के साथ

मैं कह रहा हूँ मुझे जाना होगा


समय का चक्र कह रहा है

बार बार मुझे

जाना होगा .......................





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