जिंदगी तुने मुझे दिया क्या है
कुछ न समज पाया की तेरी रजा क्या है
मैंने तो हर रोज़ की थी एक दुआ .....
उस दुआ का असर न हुआ तो मेरी खता क्या है
रोज़ मरता हूँ जीने और जिंदा रहने के बीच
कहते हैं लोग न हुआ करो उदास
तुम ही बताओ की रास्ता क्या है
वो जिसे चाहा था सब से जादा वो भी चला गया
अब हौसला क्या है .................
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